Rajasthan Politics Crisis : कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले राजस्थान में सियासी पारा चढ़ गया है। जहां रविवार को गहलोत खेमे के 70 से अधिक विधायकों ने इस्तीफा का दांव चलकर संदेश दिया कि दिल्ली से हर फैसला स्वीकार नहीं किया जाएगा। तो वहीं बड़ी तादाद में विधायकों के इस्तीफे के बाद गांधी परिवार के लिए भी चुनौती खड़ी हो गई है।
Rajasthan Politics Crisis : आलाकमान पर अटका फैसला
कांग्रेस अध्यक्ष पर अशोक गहलोत की दावेदारी से शुरू हुआ सियासी तूफान में अब बवाल पर आकर खड़ा हो गया है। हाईकमान का संभावित फैसला गहलोत के उत्तराधिकारी के तौर पर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर अशोक खेमे की नाराजगी बढ़ गई है। 70 से अधिक विधायकों ने स्पीकर को इस्तीफा सौंपकर पायलट की राह को तो मुश्किल में डाल ही दिया है तो वहीं गांधी परिवार के सामने भी चुनौती खड़ी कर दी है। उधर कांग्रेस आलाकमान वन मैन, वन पोस्ट को लेकर अपने स्टैंड पर अड़ी है।
Rajasthan Politics Crisis : आलाकमान ने भी अपने तेवर दिखाते हुए साफ कर दिया है कि विधायकों की शर्तें नहीं मानी जाएंगी। ऐसे में पूरा मामला गहलोत वर्सेज आलाकमान होता हुआ दिखाई दे रहा है। बता दें कि अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में उतर रहे ऐसे में उन्हें वन मैन वन पोस्ट के तहत मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी है। उधर कांग्रेस नेतृत्व सचिन पायलट को सीएम पद पर बिठाने के पक्ष में है लेकिन गहलोत खेमा आलाकमान के इस फैसले को स्वीकार करने पर असमर्थ है जिसपर अब सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया है।
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