Hark’s Electoral Formula : हरक की कांग्रेस में एंट्री ने मिटाई ‘वो टीस’, या आज भी हरे है 2016 के वो ज़ख्म !

Hark’s Electoral Formula :  राजनीति में कब क्या हो जाए ये कह पाना थोड़ा मुश्किल हैं। जिस बुलंद आवाज़ और तीखे तेवरों से पार्टी के तमाम नेता और कार्यकर्ता की रूह कांप उठती थी आज वहीं आवाज़ हजारों नेताओं में कहीं सुनी पड़ी है। यह हाल इन दिनों किसी और का नहीं बल्कि उत्तराखंड की राजनीति के ऐसे खिलाड़ी हरक सिंह रावत का हैं जिसका एक समय पर पार्टी में दबदबा हुआ करता था लेकिन आज हालात ऐसे हैं कि तमाम पार्टियां नेता की उपस्थिति में मौन हैं। इस बीच न मीडिया का जमावड़ा, न शोर-शराबा, चुपके से हरक का “हाथ” थामना बहुत से सवाल खड़े कर रहा है।

Hark’s Electoral Formula :  क्या हैं हरक का चुनावी फॉर्मूला

Hark's Electoral Formula :

इधर चला में उधर चला जाने कहा मैं किधर चला, ये मेरे संघ क्या हुआ। ये गाने की कुछ पंक्तियां है जो इन दिनों हरक सिंह रावत की पॉलिटिक्स लाइफ पर बिल्कुल परफेक्ट फिट बैठ रही है। दरअसल करीब एक हफ्ते से कभी कांग्रेस तो कभी bjp में वापस जाने की चर्चाओं के बीच फजीहत झेल रहे उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने आज सस्पेंस को ख़त्म करते हुए हाथ का साथ पकड़ लिया हैं।

इस बीच सवाल ये उठता हैं कि इस चुनावी मौसम में कांग्रेस में अबतक जो भी नेता शामिल हुए हैं उसका ढोल नगाड़ों के साथ फ़ोटो शूट या दिल्ली की भरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सम्मान समारोह हुआ हैं लेकिन हरक में क्या कमी रह गई कि उनका फ़ोटो ससेशन की पिक खुद कांग्रेस पार्टी ने पोस्ट की है।

तमाम पड़ाव पार कर मिली पार्टी में जगह

Hark's Electoral Formula :

Hark’s Electoral Formula : जो सादगी और सूक्ष्म अंदाज में आज हरक सिंह रावत को कांग्रेस की सदस्यता दिलवाई गई हैं उससे ये साफ जाहिर होता हैं कि हरक को काफी पड़ावों को पार करने के बाद कांग्रेस पार्टी का हाथ नसीब हुआ है। ख़बरों की माने तो पिछले कुछ दिन पहले हरीश रावत को ये कहते हुए सुना गया था कि अगर हरक सिंह रावत सार्वजनिक तौर पर अपनी गलती मानते हैं तो कांग्रेस उन्हें पार्टी में शामिल करने पर विचार कर सकती हैं।

वहीं अंदरखाने से ख़बरें सामने आ रही है कि हरक सिंह ने बकायदा एक माफीनामा लिखकर दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने इसके उन्होंने 2016 के अपने कृत्य को दुर्भाग्यपूर्ण भी करार दिया है जिसके बाद ही पार्टी में उनको एंट्री मिली है। बता दें कि 2016 में हरीश रावत सरकार के खिलाफ बगावत कर हरक सिंह रावत बीजेपी में शामिल हुए थे।

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