High Court Hearing : उत्तराखंड हाइकोर्ट ने प्रदेश में कोरोना महामारी के दौरान बदहाल स्वाथ्य व्यवस्थाओ के खिलाफ दायर जनहित याचिकाओ की सुनवाई की।मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने सरकार से मौखिक तौर पर पूछा है कि अभी क्या सरकार ने कोरोना पर काबू पाने के लिए कोई नई एसओपी जारी की है। एक अप्रैल तक कोर्ट को अवगत कराएं। मामले की अंतिम सुनवाई एक अप्रैल की तिथि नियत की है।
High Court Hearing : प्रदेश के अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव बना हुआ- याचिकर्ता
आज सुनवाई के दौरान माहाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व मुख्य स्थायी अधिवक्ता सीएस रावत ने कोर्ट को बताया कि अब प्रदेश में कोरोना के केश नही है। प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था अन्य राज्यो से बेहतर हो चुकी है। सरकार ने कोर्ट के आदेश पर नैनीताल व बागेश्वर में सिटी स्कैन मशीन स्थापित कर दी है। सरकार ने 293 डॉक्टरों व 1200 नर्षो व अन्य मेडिकल स्टाफ की भर्ती के लिए अनुमोदन भेज दिया है और अब प्रदेश में एक भी कोरन्टीन सेंटर भी नही है।
High Court Hearing : जबकि याचिकर्ता का कहना है कि अभी भी कोरोना केस आ रहे है। प्रदेश के अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। वर्तमान समय मे प्रदेश डॉक्टरों की भारी कमी है। प्रदेश को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए करीब 1500 डॉक्टरों व स्टाफ की जरूरत है। जिला मॉनिटरिंग केमटी द्वारा दिए गए सुझाओ का सरकार से पालन करवाया जाय।
High Court Hearing : आपको बता दे अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली व देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने क्वारन्टीन सेंटरों व कोविड अस्पतालों की बदहाली और उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर हाईकोर्ट में अलग अलग जनहित याचिकायें दायर की थी।
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