Temple Doors Closed : तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ मंदिर के कपाट आज शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं, सुबह 9 बजे से तुंगनाथ मंदिर के कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हुई, मैठाणी ब्राह्मणों द्वारा मठापति राम प्रसाद मैठाणी के हाथों मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद करने के संकल्प के साथ ही विशेष पूजा-अर्चना की गई।
Temple Doors Closed : शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कण्डेय मंदिर में विराजमान होंगे
इस दौरान आराध्य के स्वयंभू लिंग को समाधि रूप देकर भव्य शृंगार किया गया, दोपहर 12 बजे भगवान तुंगनाथ की भोग मूर्ति को चल विग्रह डोली में विराजमान करते हुए गर्भगृह से मंदिर परिसर में लाया गया, यहां पर परंपरानुसार सभी धार्मिक अनुष्ठान की औपचारिकताओं का निर्वहन किया गया। दोपहर 1 बजे कपाट बंद कर दिए गए है, अब शीतकाल में बाबा तुंगनाथ अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कण्डेय मंदिर में विराजमान होंगे।
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