Happiness In Sadhu Society : आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की घोषणा कर दी है। जिसके बाद धर्मनगरी हरिद्वार के साधु संतों और तीर्थ पुरोहितों में खुशी की लहर है । अखाड़ा परिषद ने देवस्थानम बोर्ड भंग होने के फैसले का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री धामी का धन्यवाद दिया है। वही महामंडलेश्वर रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने देश के अन्य मंदिरों के अधिग्रहण को भी समाप्त करने की सरकारों से मांग की है। इस मौके पर श्री गंगा सभा के पदाधिकारियों द्वारा गंगा जी में दुग्धाभिषेक और पुष्प अर्पित कर पूजन किया गया।
Happiness In Sadhu Society : पिछले 2 वर्षों से तीर्थ पुरोहित कर रहे थे विरोध
देवस्थानम बोर्ड भंग होने पर गंगा सभा के पदाधिकारियों और तीर्थ पुरोहितों ने सरकार का धन्यवाद दिया है। 2 वर्ष पहले त्रिवेंद्र सरकार ने इस बोर्ड का गठन किया था और तभी से ही तीर्थ पुरोहित लगातार इस बोर्ड को भंग करने की मांग कर रहे थे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी महाराज ने देवस्थानम बोर्ड बंद किए जाने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि भाजपा जो कहती है वो करती है ।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें आश्वासन दिया था कि जल्द ही बोर्ड को भंग कर दिया जाएगा और आज उनके द्वारा बोर्ड को भंग कर दिया गया है ।जिसकी वजह से साधु-संतों, तीर्थ पुरोहित सहित मंदिरों से जुड़े सभी समाज का भाजपा को समर्थन मिल गया है । आने वाले चुनाव में सब लोग भाजपा का समर्थन करेंगे।
महंत रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने भी बोर्ड भंग होने पर खुशी जाहिर की
महामंडलेश्वर एवं प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम के पीठाधीश्वर महंत रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने भी बोर्ड भंग होने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि देश में जहां पर मंदिरों का सरकार ने अधिग्रहण किया हुआ है देखने में आया है कि उन मंदिरों में आने वाले दान के पैसे को मुस्लिम और ईसाई संगठनों पर खर्च किया जाता है। उन्होंने देश की उन सरकारों से मांग की है की जहां भी मंदिर का अधिग्रहण किया हुआ है उन सभी मंदिरों को अवमुक्त किया जाए और मंदिरों में जो महंत परंपरा निर्वाद चलती थी उन परंपराओं का निर्वाहन सरकारों को भी करना चाहिए।
Happiness In Sadhu Society : श्री गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने कहां है कि आज का दिन ऐतिहासिक दिन है सरकार ने प्रदेश के 51 मंदिरों के अधिग्रहण को लेकर इस देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया था। जिसका पिछले 2 वर्षों से तीर्थ पुरोहित विरोध कर रहे थे और लगातार आंदोलन चल रहा था। देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का फैसला स्वागत योग्य है आज सभी तीर्थ पुरोहितो के आंदोलन की जीत हुई है। उन्होंने इसके लिए धामी सरकार का धन्यवाद किया है।
ये भी पढ़ें – चुनाव से पहले धामी सरकार का मास्टर स्ट्रोक, देवस्थानम बोर्ड भंग कर बने तीर्थपुरोहितों के किंग