National Games Uttarakhand:राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड बना खिलाड़ियों की पसंद, ग्रीन गेम्स की थीम बनी खास

राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखण्ड की धरती पर खिलाड़ियों का उत्कृष्ट प्रदर्शन जारी है। ग्रीन गेम्स की थीम को जमीन पर उतारने के लिए उत्तराखण्ड के प्रयास सबसे खास हैं, जिनकी तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं। महिला स्वास्थ्य, लोक संस्कृति, पर्यटन, रोमांच से जुडे़ अन्य संदेश भी देशभर में चर्चा में हैं।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के दौरान उत्तराखण्ड ने कई ऐसी पहल की हैं, जिनके माध्यम से पूरे देश में प्रभावी संदेश जा रहे हैं। विशेष रूप से ग्रीन गेम्स की थीम को अमल में लाने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं। उत्तराखण्ड की पहल के साथ देश भर से आए खिलाड़ी व मेहमान जुड़ रहे हैं, ये बेहद हर्ष का विषय है।

 

राष्ट्रीय खेलों में हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाने वाले राज्य पक्षी मोनाल को शुभंकर बनाकर उत्तराखण्ड ने हरित पहल की है। खेलों में जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए पदक ई-वेस्ट से तैयार कराए गए हैं। साथ ही, पदक जीतने वाले विजेताओं के नाम से ‘खेल वन’ की स्थापना की जा रही है। इसके लिए 2.77 हेक्टेयर जमीन को इन दिनों तैयार किया जा रहा है, जहां पर 1600 रूद्राक्ष के पौधे रोपे जाएंगे।

 

खेलों से जुडे़ आमंत्रण पत्र वेस्ट मटेरियल से तैयार कराए गए हैं, जबकि खेल स्थलों पर एक जगह से दूसरी जगह पर जाने के लिए ई-रिक्शा उपलब्ध कराए गए हैं। सोलर पैनल के प्रयोग से लेकर पानी के लिए रीयूसबल वाॅटर बाॅटल की व्यवस्था है। आयोजन स्थल में कई जगहों पर वेस्ट मटेरियल से स्पोर्ट्स के प्रतीक चिन्ह तैयार किए गए हैं। इनमें दौड़ता हुआ खिलाड़ी और मोनाल पक्षी प्रमुख हैं। ई-वेस्ट से बनाए गए टाइगर भी आकर्षण का केंद्र है।

 

राष्ट्रीय खेलों के आयोजन स्थलों पर साइकिल उपलब्ध कराकर एक नहीं दो-दो संदेश दिए गए हैं। पहला संदेश पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण का है, तो दूसरे संदेश में फिट रहने की बात है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन के मौके पर लोगों से फिटनेस पर ध्यान देने का आह्वान किया था।

 

राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने वाली महिला खिलाड़ियों को अलग वेलकम किट में सेनेटरी पैड व अन्य सामान देकर भी उत्तराखण्ड ने महिला स्वास्थ्य का संदेश देने का प्रयास किया है। योग व मलखंब जैसे पारंपरिक खेल भी मेडल टेली में शामिल हैं। इससे पहले, गोवा में हुए राष्ट्रीय खेलों में ऐसा नहीं था। उत्तराखण्ड ने इन दो खेलों को राष्ट्रीय खेलों में शामिल कराने के लिए ठोस पैरवी की थी।

 

उत्तराखण्ड ने राष्ट्रीय खेलों को बडे़ शहरों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि टिहरी, अल्मोड़ा जैसे ठेठ पर्वतीय शहरों तक भी पहुंचाया है। खाने से लेकर तमाम कलाकृतियों में लोक संस्कृति की झलक दिख रही है। खाने में झंगोरा, गहत की दाल व अन्य व्यंजन परोसे जा रहे हैं, वहीं पर्वतीय कला एपण के दर्शन पोस्टर, बैनरों से लेकर सभी जगहों पर हो रहे हैं।

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