How To Make Rowing Boat : पर्यटन सीजन के दौरान नैनीताल और आसपास की झीलों में नौकायन का आनन्द उठाने वाले पर्यटकों के लिए यहां के नाविक जोर शोर से नाव(बोट)निर्माण की तैयारियों में जुटे हुए हैं। आइये हम आपको बताते है की जिस रोविंग बोट (चप्पू बोट) में आप सफर कर नैनीझील की सैर करते हैं वो आखिर बनती कैसे है।
How To Make Rowing Boat : रोइग बोट तुन और शीशम की लकड़ी से बनती
वर्षों से नाव बनाने की कारीगरी से जुड़े 50 वर्षीय नैनसिंह चौहान के अनुसार रोइग बोट तुन और शीशम की लकड़ी से बनती है। अपने हलके वजन के साथ साथ ये लकड़ी पानी में आसानी से ख़राब नहीं होती है। बोट के फ्रेम में ताँबे की कीलों को ठोककर उसे मजबूत बनाया जाता है और पानी में काम करने के कारण ताँबे की कील जंक से भी बचाती है।
How To Make Rowing Boat : फ्रेम बनने के बाद लकड़ी को अलसी का तेल पिलाते हुए दो दिनों तक उसे सुखाया जाता है। नाव में इसके बाद पोटीन से चारों तरफ की दरारों को अच्छी तरह से भरा जाता है। पोटीन के सूखने के बाद नाव में सिन्थेटिक वार्निश से पौलिश किया जाता है। इससे नाव में स्थिरता और मजबूती आती है। नाविक समेत पांच लोगों को घुमाने वाली इस नाव की सुरक्षा के लिए सभी महत्वपूर्व इंतजाम किए जाते हैं।
समय-समय पर नाव मालिक कराते हैं नाव की मरम्मत
नैनीताल में लगभग 250 नाव हैं जिन्हें हर दो वर्षों में हालत देखते हुए सुधार की जरूरत पड़ती है। हालत नाजुक पड़ने पर नाव में पानी भरने लगता है। शुरू में तो ये इतना खतरनाक नहीं होता लेकिन ज्यादा जलभराव के बाद पर्यटकों को भी जान का खतरा बड़ सकता है। लिहाजा नाव मालिक समय से नाव की मरम्मत करवा लेते हैं।
How To Make Rowing Boat : नैनीताल में इन दिनों खिली धूप पोटीन और पौलिश को सुखाने का बेहतरीन काम कर रही है।नाव चालक मैदानों की गर्मी को देखते हुए आगामी सीजन के सफल होने की उम्मीद कर रहे हैं।नाविकों ने अपनी अपनी नाव सुधार के बाद उसे अपनी पसन्द का नाम दिया है। किसी ने नैनी डिलक्स, वैलकम बोट, हॉउस बोट स्पेशियल, नन्दा देवी डिलक्स, ताज डिलक्स और राजधानी एक्सप्रेस जैसे सैकड़ों नाम दिए गए हैं।
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