एसडीसी फाउंडेशन की चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें उत्तराखंड स्वच्छता में फिस्सडी साबित हुआ है। स्वच्छता सर्वेक्षण का विश्लेषण करने के बाद 88 शहरी निकायों में से 87 निकायों को शून्य हासिल हुआ है ।एसडीसी यानी सोशल डेवलपमेंट ऑफ़ कम्युनिटीज ने उत्तराखंड स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में उत्तराखंड के कई शहरी निकाय सबसे निचले और सबसे गंदे पाए गए हैं। फाउंडेशन की ओर से स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 का विश्लेषण करते हुए 34 पन्नों की रिपोर्ट आज प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस द्वारा जारी की गई। फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल का कहना है की रिपोर्ट एक और जहां राज्य में सफाई व्यवस्था में बरती गई व्याप्त लापरवाही को उजागर करती है वहीं दूसरी ओर स्वच्छता को लेकर मौजूदा स्थिति में बड़े सुधार लाने के लिए 10 सुझाव भी दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हालिया रिपोर्ट बताती है कि सर्वेक्षण में देहरादून एकमात्र शहर है जो देश के 100 सबसे ज्यादा साफ सुथरे शहरों में दर्ज हुआ है और शहर को 68 व स्थान मिला है लेकिन बाकी सात शहरों का प्रदर्शन औसत से खराब रहा है इसमें रुद्रपुर कोई सूची में उत्तराखंड में सबसे पीछे 417 वां स्थान प्राप्त हुआ है। अनूप नौटियाल के मुताबिक 50 हजार से एक लाख की आबादी वाले उत्तर भारत के 98 नगर निकाय स्वच्छता सर्वेक्षण में शामिल किए गए थे, इनमें प्रदेश के छह नगर निकाय भी शामिल थे। मगर सभी 6 नगर निकाय सबसे गंदे और चौथे पायदान पर पाए गए। उनका कहना है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का गृह क्षेत्र खटीमा इसी श्रेणी में 98 रैंक के साथ उत्तर भारत का सबसे गंदा शहर उभर कर सामने आया है।
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Sat Dec 7 , 2024