High Court Hearing : उत्तराखंड हाइकोर्ट ने प्रदेश में कोरोना महामारी के दौरान बदहाल स्वाथ्य व्यवस्थाओ के खिलाफ दायर अलग अलग जनहित याचिकाओ की सुनवाई की। आज सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया कि अब प्रदेश में कोरोना के केश नही है। प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था अन्य राज्यो से बेहतर हो चुकी है।
सरकार ने डॉक्टरों, नर्शो व अन्य मेडिकल स्टाफ की भर्ती के लिए अनुमोदन भेज दिया है और अब प्रदेश में एक भी कोरन्टीन सेंटर भी नही है। इसलिए इस जनहित याचिका का अब कोई औचित्य नही रह गया है इसे निरस्त किया जाय। मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने याचिका को निस्तारित कर दिया।
High Court Hearing : हाईकोर्ट में अलग अलग जनहित याचिकायें दायर की थी
आपको बता दे अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली व देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने क्वारन्टीन सेंटरों व कोविड अस्पतालों की बदहाली और उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर हाईकोर्ट में अलग अलग जनहित याचिकायें दायर की थी।
High Court Hearing : पूर्व में बदहाल क्वारंटाइन सेंटरों के मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर माना था कि उत्तराखंड के सभी क्वारंटाइन सेंटर बदहाल स्थिति में हैं और सरकार की ओर से वहां पर प्रवासियों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है। जिसका संज्ञान लेकर कोर्ट अस्पतालों की नियमित मॉनिटरिंग के लिये जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिलेवार निगरानी कमेटीया गठित करने के आदेश दिए थे और कमेटियों से सुझाव माँगे थे।
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