पौड़ी की ऐतिहासिक रामलीला का यह 124वां साल है। पारसी थियेटर शैली में होने वाली इस रामलीला की बेहतरीन प्रस्तुति और लोकप्रियता का पता इसी से चलता है कि इसे यूनेस्को ने भी रिकॉर्ड किया है। पौड़ी की रामलीला पर शोध के लिए जर्मनी के जोहेनस गुटेनबर्ग विश्वविद्यालय के छात्र पॉल उस्मान यहां पहुंचे हैं। वे पौड़ी की रामलीला की तालीम से लेकर प्रस्तुतीकरण तक इसका अध्ययन करेंगे। पॉल का कहना है कि रामलीला की कथा इसका प्रस्तुतीकरण रूप सज्जा वस्त्र सज्जा काफी रोचक है।
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