Secretariat Union Strike : उत्तराखंड में कर्मचारियों ने एक बार फिर से धामी सरकार की टेंशन बढ़ा दी है, दरअसल अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सचिवालय संघ के कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है.कर्मचारियों ने आज से कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया कर्मचारियों के बढ़ते आंदोलन को देखते हुए धामी सरकार ने नो वर्क नो पे का आदेश भी जारी किया है.
सरकार के सख्त आदेश के बाद भी कर्मचारी पीछे हटने को राजी नहीं है.इन सबके बीच कल से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है.सत्र से पहले कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार से परेशानी और बढ़ गई है.वहीं विपक्ष कर्मचारियों के समर्थन में है.पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कर्मचारियों के समर्थन में उपवास पर बैठेंगे.
Secretariat Union Strike : कर्मचारियों ने हड़ताल की शुरू
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले धामी सरकार की परेशानी कर्मचारियों ने बढ़ा दी है.दअरसल उत्तराखंड सचिवालय संघ के आह्वान पर सचिवालय में कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है। आक्रोशित कर्मचारियों ने सचिवालय में जमकर हंगामा काटा साथ ही अनुभागों में ताले लटका दिये। उधर, सरकार ने भी हड़ताली कर्मियों से निपटने के लिए सख्त रुख अख्तियार कर लिया है।
मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधू ने काम नहीं तो वेतन नहीं का आदेश जारी कर दिया है। काम करने वालों को सुरक्षा मिलेगी और काम से रोकने वालों पर कार्रवाई होगी। सरकार के इस सख्त आदेश के बावजूद भी कर्मचारी पीछे हटने को राजी नहीं है.वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कर्मचारियों को आश्वस्त कर रहे है कि सरकार कर्मचारियों की मांगों को लेकर गंभीर है
यह हैं सचिवालय संघ की प्रमुख मांगें
1- सचिवालय भत्ता जो कि अब तक ग्रेड पे पर 50 फीसदी है, इसे बदलकर मूल वेतन पर 10 फीसदी किया जाए।
2- चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के ग्रेड पे को बढ़ाने की मांग।
3- सचिवालय संघ में सबसे बड़ा प्रभाव समीक्षा अधिकारियों का है। लिहाजा, पांच वर्ष अनुभव वाले समीक्षा अधिकारियों के 4800 ग्रेड-पे को बढ़ाने की मांग।
4- राज्य संपत्ति विभाग के वाहन चालकों को सचिवालय प्रशासन में सम्मलित करने की मांग।
5- सचिवालय सुरक्षा कर्मियों को पुलिस सैलरी स्लैब से अगले वेतन की मांग।
6- पुरानी पेंशन मामले पर भी कर्मचारियों की मांग।
कर्मचारियों की हड़ताल पर सियासत शुरू
राज्य में कर्मचारियों की हड़ताल से सरकारी कामकाज ठप हो गया है.वहीं इस मामले में सियासत भी शुरू हो गई है.कांग्रेस और आप कर्मचारियों के खुलकर समर्थन में आ गये है.पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कर्मचारियों के समर्थन में सांकेतिक उपवास पर बैठेंगे.साथ ही उन्होने सरकार के नो वर्क नो पे के आदेश की भी निंदा की है.वहीं आम आदमी पार्टी ने भी कर्मचारियों की मांगों का समर्थन करते हुए राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किये है
Secretariat Union Strike : कुल मिलाकर कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से परेशानियां बढ़ी है.देखना होगा धामी सरकार आगे सचिवालय संघ की मांगों पर क्या कार्रवाई करती है.क्या सरकार कर्मचारियों की सभी मांगों को मानेगी.क्या कर्मचारी बिना मांगे माने काम पर वापस लौटेंगे.क्या चुनाव से पहले कर्मचारियों की नाराजगी बीजेपी को भारी पड़ेगी ऐसे अनगिनत सवाल है जिसके जवाब का सबको इंतजार है
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