Valley Of Flowers : विश्व धरोहर फूलों की घाटी का दीदार करने वाले पर्यटकों को अब अगले साल का इंतजार करना होगा। दरअसल आज से पर्यटकों के लिए फूलों की घाटी बंद कर दी गई है। इस वर्ष घाटी में 9404 देशी विदेशी सैलानियों ने अद्भुत सौंदर्य का लुफ्त उठाया।
Valley Of Flowers : पर्यटकों के लिए बंद हुई घाटी
विश्व धरोहर फूलों की घाटी के द्वार रविवार को पर्यटकों के लिए बंद कर दिए गए है। इस वर्ष घाटी में 9404 देशी—विदेशी सैलानियों ने घाटी का दीदार किया। वैश्विक महामारी कोरोना के बावजूद भी भारी तादात में पर्यटक फूलों की घाटी में पहुंचे। बता दें कि कोरोना के चलते घाटी एक जुलाई से पर्यटकों के लिए खुली जबकि हर वर्ष एक जून को घाटी खुलती है। अब फूलों की घाटी तीसरी आंख के साथ वन विभाग की रेकी टीम की नज़र रहेगी, फूलों की घाटी में अब ट्रेप कैमरे भी लगाए जाएंगे और वन्य जीवों की सुरक्षा हेतु घाटी में शीतकाल में भारी बर्फबारी के बाबजूद गश्त जारी रहेगी।
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आकर्षक पयर्टन स्थल है घाटी
देवभूमि उत्तराखंड भारत की एक ऐसी जगह जहां न केवल हिमालय की खूबसूरती देखने को मिलती है बल्कि यहां कई सांस्कृतिक सभ्यता भी है जिससे अपनाने के लिए देश—विदेश से सैलानी यहां पहुंचते है। उन्हीं सैंदर्य से परिपूर्ण, प्राकृतिक और सुंदर राष्ट्रीय उद्यान के रूप में जाने जानी वाली ‘फूलों की घाटी’ या ‘वैली ऑफ फ्लावर्स’ भी है। जो उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। फूलों की घाटी यूनेस्को द्वारा सन 1982 में घोषित विश्व धरोहर स्थल नन्दा देवी अभयारण्य नन्दा देवी राष्ट्रीय उद्यान का एक भाग है। बता दें कि यह घाटी 87.50 किमी वर्ग क्षेत्र में फैली है जिसे यूनेस्को ने 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया था। बर्फीले पर्वतों से घिरी हुई इस घाटी का नजारा बेहद ही खूबसूरत है। इस घाटी में 500 से अधिक प्रजातियां है।
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