Badrinath Dham 2024 : श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को संपूर्ण विधि विधान के साथ श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खोले जाएंगे। वहीं इससे पहले श्री बदरीनाथ धाम से संबंधित पांच दशक पहले समाप्त हुई रावल पट्टाभिषेक की ऐतिहासिक परंपरा श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की पहल के बाद पुन: जीवित हो गयी है। आज टिहरी राजदरबार नरेंद्र नगर में पूजा-अर्चना और विधि-विधान से महाराजा टिहरी मनुजयेंद्र शाह द्वारा श्री बदरीनाथ धाम के रावल का पट्टाभिषेक किया गया और उन्हें सोने का कड़ा पहनाया गया। सोने का कड़ा राजशाही की परंपरा वह प्रतीक माना जाता है। इससे पहले वर्ष 1977 में रावल टी केशवन नंबूदरी का पट्टाभिषेक हुआ था जिसके बाद यह परंपरा रूक गयी थी। बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने जानकारी दी कि रावल की नियुक्ति मंदिर समिति एक्ट 1939 से पहले महाराजा टिहरी द्वारा होती थी। यह पट्टाभिषेक और सोने का कड़ा उसी परंपरा का एक ऐतिहासिक एवं सास्कृतिक प्रतीक चिह्न है।
Next Post
Forest Fire In Uttarakhand: वनाग्नि की घटनाओं को लेकर सीएम धामी का बयान, ग्राउंड जीरो पर जाएंगे अधिकारी
Tue May 7 , 2024
Share on Facebook Tweet it Pin it Share on Facebook Tweet it Pin it Forest Fire In Uttarakhand: उत्तराखण्ड में जंगलो की आग विकराल हो गई है। प्रदेश में वनाग्नि की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है जिसको लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गंभीर है और लगातार बैठके कर […]
