उत्तराखंड सरकार ने ग्राम प्रधान और ब्लॉक प्रमुख को प्रशासक बनाया है। आदेश के तहत उत्तराखंड में हरिद्वार जिले को छोड़कर शेष ग्राम पंचायतों में अगले छह माह तक निवर्तमान प्रधान ही प्रशासक के रूप में काम करते रहेंगे। क्षेत्र पंचायतों में ब्लॉक प्रमुखों के लिए भी यह व्यवस्था लागू रहेगी। गुरुवार को सचिव-पंचायतीराज चंद्रेश कुमार की ओर से इसके आदेश किए गए। सचिव चंद्रेश कुमार ने बताया कि उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम-2016 की धारा-130-6 में राज्य सरकार को चुनाव ना होने पर छह माह से अधिक की अवधि तक प्रशासक नियुक्त करने का अधिकार है। बता दें कि राज्य सरकार जिला पंचायतों में प्रशासकों के रूप में निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्षों को बैठाने का निर्णय पहले ले चुकी है। एक नवंबर को जिला पंचायत अध्यक्षों का कार्यकाल खत्म हुआ था। इससे पहले हरिद्वार जिले को छोड़कर 12 जिलों में ग्राम पंचायतों का 27 नवंबर, क्षेत्र पंचायतों का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो गया था। यहां प्रशासक बैठा दिए गए थे। ग्राम पंचायतों में सहायक खंड विकास अधिकारी और क्षेत्र पंचायतों में एसडीएम को प्रशासक के तौर पर कार्यभार सौंपा गया था। जिला पंचायतों में निर्वतमान अध्यक्षों को ही प्रशासन बनाने पर ग्राम प्रधान पंचायतों और ब्लॉकों में भी यही व्यवस्था लागू करने की मांग की जा रही थी। सरकार ने यह मांग पूरी कर दी है। निवर्तमान प्रधान और ब्लॉक प्रमुख प्रशासक के रूप में छह माह की अवधि या नई ग्राम पंचायतों के गठन तक या अग्रिम आदेश तक जो भी पहले हो, काम करते रहेंगे।वहीं सरकार के इस फैसले का ग्राम प्रधान और ब्लॉक प्रमुख संगठनों ने जमकर सराहना की है। ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भास्कर संभल ने राज्य सरकार का आभार जताते हुए कहा कि सरकार ने लोकतंत्र की सबसे छोटी ईकाई में ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है।
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Mon Dec 16 , 2024