Neuro linguistic programming : UDEMI, गुड़गांव, हरियाणा द्वारा संचालित NLP Practitioner & NLP Life Coach Certification का 21 दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त कर डॉ० डी० सी० पसबोला सर्टीफाइड NLP Practitioner & NLP Life Coach बन गये हैं। जो कि अन्तर्राष्ट्रीय संस्थान Transformation Academy & Auspicium द्वारा निर्मित एवं मान्यताप्राप्त कोर्स है। जिसमें David Key (NLP & Hypnosis Master Trainer) एवं John & Natalie Rivera (Psychologists & Master Trainers) द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
डॉ० पसबोला ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग थेरिपी मानसिक स्वास्थ्य को सहारा देती है। सायकोलॉजिकल थेरेपीज (Psychological Therapies) के जरिए आप ना सिर्फ़ मानसिक समस्याओं में राहत पा सकते हैं, साथ ही आप अपने मन को बेहतर रूप से ट्रेन कर सकते हैं। जो आपके पर्सनल गोल हासिल करने में मददगार साबित हो सकते हैं। आज हम बात करने जा रहे हैं ऐसी ही एक खास थेरेपी की, जिसे न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग थेरिपी (Neuro-Linguistic Programming) का नाम दिया गया है। न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग थेरिपी (NLP) अपने आप में एक खास थेरेपी मानी जाती है, जो आपके बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए और बेहतर बिहेवियर पैटर्न को बनाने का काम करती है।
जिंदगी को बेहतर रूप से जीने के लिए हमें जिस प्रकार अपने शरीर का ध्यान रखने की जरूरत होती है, उसी प्रकार आपके मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान आपको रखना पड़ता है। कई बार सायकोलॉजिकल समस्याओं (Psychological problems) के चलते आपको कई तरह की मानसिक तकलीफों का सामना करना पड़ता है। जिससे रोजमर्रा के कामों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। मन को शांत और को एकाग्र बनाने के लिए आपको काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। ऐसी स्थिति में आपके लिए सायकोलॉजिकल अप्रोच आजमाना बेहतर माना जाता है।
न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग थेरिपी (Neuro-Linguistic Programming) एक साइकोलॉजिकल अप्रोच है, जिसमें व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने के लिए एनालाइजिंग स्ट्रैटेजीस (Analyzing Strategies) का इस्तेमाल किया जाता है। यह थेरेपी आपके विचारों, भाषा, बिहेवियर (Thoughts, language, behavior) इत्यादि से जुड़ी होती है। आपके एक्सपीरियंस का इस्तेमाल करते हुए इस सायकोथेरेपी को बनाया जाता है। न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग थेरिपी के अंतर्गत यह माना जाता है कि आपके द्वारा किया गया हर काम पॉजिटिव है। यही वजह है कि यदि आप इसके बने प्लान में सफलता हासिल नहीं कर पाते, तो आपको बुरा महसूस नहीं होता है। इससे आप सिर्फ जरूरी जानकारी और एक्सपीरियंस लेते हैं, जो आपको भविष्य में मदद कर सकते हैं। यही वजह है कि व्यक्ति को न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग थेरिपी (NLP) से परेशानी नहीं होती।
न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग थेरिपी (Neuro-Linguistic Programming) 1970 में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सैंटाक्रूज में डेवलप की गई थी। इसके फाउंडर थे जॉन ग्रीडेन, जो एक लिग्विस्ट थे। इस थेरेपी को डेवलप करने के लिए उनका साथ दिया था रिचर्ड बैंडलर ने, जो इंफॉर्मेशन साइंटिस्ट और मैथमेटिशियन थे। ग्रीडेन ने न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग थेरिपी के बारे में सबसे पहले अपनी पहली बुक स्ट्रक्चर ऑफ मैजिक: अ बुक अबाउट लैंग्वेज ऑफ थेरेपी (Book Structure of Magic: A Book About Language of Therapy) में लिखा था, जो 1975 में पब्लिश की गई।
इस थेरेपी के अंतर्गत उन्होंने कम्युनिकेशन के कुछ खास पैटर्न के बारे में बात की थी, जो साइकोलॉजिकल समस्याओं में बेहद कारगर मानी गई। न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग थेरिपी को अलग-अलग तरह के मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल और रिसर्चर (Mental health professional and researcher) ने अपनाया, जिसके बाद न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग थेरिपी (NLP) एक मेटामॉडल और टेक्निक के रूप में सामने आई, जिसमें लैंग्वेज पेटर्न का इस्तेमाल होता था। इसका इस्तेमाल 1970 के बाद किया जाने लगा। इस लैंग्वेज थेरेपी के जरिए लोग सफलता हासिल करने की कोशिश करने लगे। यदि वर्तमान की बात करें, तो न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग थेरिपी अब अलग-अलग फील्ड में इस्तेमाल की जाती है। जिसके अंतर्गत काउंसलिंग, मेडिसिन, बिजनेस, लॉ, परफॉर्मिंग आर्ट्स, मिलिट्री, एजुकेशन (Counseling, Medicine, Business, Law, Performing Arts, Military, Education) इत्यादि फील्ड का समावेश होता है।
न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग थेरिपी (Neuro-Linguistic Programming) देने वाले थैरेपिस्ट कई तरह के हो सकते हैं, जिसमें लाइसेंस्ड मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल, सोशल वर्कर, थैरेपिस्ट और एनएलपी थेरेपिस्ट भी शामिल होते हैं। आप न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग थेरिपी (NLP) की वर्कशॉप और मेंटरशिप प्रोग्राम में हिस्सा ले सकते हैं।
न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग थेरिपी (NLP) अपने आप में एक ऐसी थेरेपी है, जो आप को बेहतर बनाने का काम करती है। यही वजह है कि आप इसका इस्तेमाल अपने भविष्य को बेहतर रूप से डिजाइन करने के लिए कर सकते हैं। यदि आप सायकोलॉजिकल परेशानियों से जूझ रहे हैं, तो न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग थेरिपी (Neuro-Linguistic Programming) आपके लिए कारगर साबित होती है। डॉक्टर से सलाह लेकर आप न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग थेरिपी अपनी जरूरत के मुताबिक ले सकते हैं।