नगर निकाय चुनाव के लिए मैदान में उतरे प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों की जांच बुधवार को पूरी हो गई। दो दिन चली जांच में प्रदेश में 202 नामांकन अलग-अलग कारणों से निरस्त कर दिये गए। इनमें महापौर के दो, अध्यक्ष के 32और पार्षद-सभासद के 168 नामांकन हैं। जांच में 6238 नामंकन पर सही पाए गए। इनमें महापौर के 101, अध्यक्ष के 555 और पार्षद-सभासद के 5582 प्रत्याशी हैं। वीरवार को नाम वापसी के बाद मैदान में डटे प्रत्याशियों की वास्तविक संख्या सामने आएगी। निकाय चुनाव में महापौर पदों पर 103, नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत अध्यक्ष पदों के लिए 587 और पार्षद-सभासद पदों पर 5750 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए थे। प्रत्याशियों को तीन जनवरी को चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे। प्रत्याशियों के नामांकन निरस्त कर दिये जाने पर भी सियासत देखने को मिल रही है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस सत्ताधारी दल भाजपा पर आरोप लगा रही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पार्टी ने निकाय चुनाव में प्रत्याशियों की जीत के लिए पूरा प्लान तैयार कर दिया है। पार्टी पदाधिकारियों के साथ ही विधायकों व मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी जायेगी।
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Fri Jan 3 , 2025