मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड के शीतकालीन पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। शीतकाल में तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए विद्युत आपूर्ति को सुचारू बनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
शीतकालीन पर्यटन स्थलों जैसे मसूरी, औली, लैंसडाउन, जोशीमठ, धनौल्टी, ऋषिकेश, हरिद्वार, चमोली, चकराता, राजाजी नेशनल पार्क, टिहरी, देवप्रयाग, चंबा और हर्षिल में सुचारू विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उत्तराखण्ड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने सभी क्षेत्रीय इकाइयों को निर्देशित किया है।
उत्तराखण्ड में शीतकालीन पर्यटन स्थलों पर देश-विदेश से पर्यटकों का आगमन राज्य के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देता है। इसे ध्यान में रखते हुए यूपीसीएल ने सभी उपसंस्थानों, एचटी-एलटी लाइनों और स्ट्रीट लाइट की निगरानी और रखरखाव की प्रक्रिया तेज कर दी है।
शीतकाल में विद्युत व्यवधानों से बचने के लिए यूपीसीएल ने सभी पर्यटन स्थलों पर कंडक्टर, केबल, पोल और ट्रांसफार्मर की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की है। आकस्मिक स्थितियों में न्यूनतम समय में बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। सभी अधीक्षण अभियंताओं और अधिशासी अभियंताओं को अपने-अपने क्षेत्र के 33/11 केवी उपसंस्थानों और 11 केवी फीडरों का निरीक्षण करने और हाई अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए गए हैं। पर्यटन स्थलों पर बेहतर विद्युत आपूर्ति के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं।
बेहतर विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विद्युत लाइनों के आसपास के पेड़ों और टहनियों की समय पर कटाई-छंटाई कराई जा रही है। साथ ही सभी ट्राली ट्रांसफॉर्मर कार्यशील स्थिति में रखे गए हैं, ताकि किसी भी आकस्मिकता का तुरंत समाधान किया जा सके। मुख्य तीर्थ और पर्यटन स्थलों पर सुचारू विद्युत आपूर्ति के लिए यूपीसीएल प्रतिदिन निगरानी कर रहा है। इससे न केवल पर्यटकों की सुविधाएं बढ़ेंगी, बल्कि रोजगार सृजन और उत्तराखण्ड के पर्यटन क्षेत्र का भी विकास होगा।