नेशनल आयुष मिशन के तहत उत्तराखण्ड में हर महीने करीब तीन लाख लोग आयुष सेवा से लाभान्वित हो रहे हैं। पिछले 22 महीनों में उत्तराखण्ड में 67 लाख से ज्यादा लोगों ने आयुष स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाया है। केंद्रीय आयुष मंत्रालय की फ्लैगशिप योजना नेशनल आयुष मिशन को दूरदराज के क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के लक्ष्य के साथ डिजाइन किया गया है।
केंद्रीय आयुष मंत्रालय के अनुसार-वर्ष 2023 में उत्तराखण्ड में 42 लाख 64 हजार लोगों ने आयुष सेवा का लाभ उठाया है। इस वर्ष अक्टूबर माह तक 24 लाख 56 हजार लोग इस सेवा से लाभान्वित हो चुके हैं। विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 के दौरान उत्तराखण्ड की प्रगति की खास चर्चा हुई है। देहरादून आए केंद्रीय आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने उत्तराखण्ड की प्रगति को सराहा है। उनका कहना है कि नेशनल आयुष मिशन के तहत केंद्रीय आयुष मंत्रालय की कोशिश प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को घर-घर तक पहुंचाने की है। उत्तराखण्ड जैसे विषम भौगोलिक स्थितियों वाले राज्य में नेशनल आयुष मिशन की सफलता उत्साहित करने वाली है।
नेशनल हेल्थ मिशन के तहत संचालित हो रहे आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष) उत्तराखण्ड में 300 हैं इनमें से डेढ़ सौ मंदिरों का नेशनल एग्रीडेशन बोर्ड फाॅर हाॅस्पिटल एंड हेल्थ केयर प्रोवाइडर (एनएबीएच) के स्तर पर प्रमाणीकरण किया जा चुका है। बाकी मंदिरों के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया जारी है। उत्तराखण्ड में इस वक्त 50 बेड के पांच और दस बेड के दो आयुष हाॅस्पिटल हैं। छह आयुष हाॅस्पिटलों के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नेशनल हेल्थ मिशन के तहत आम जन तक आयुष सेवाओं का लाभ पहुंचाने के लिए पूरी ताकत से काम किया जा रहा है। इस संबंध मेें केंद्र सरकार का भी पूरा सहयोग राज्य को मिल रहा है। मुझे विश्वास है कि नेशनल आयुष मिशन के तहत हम प्रदेश में अधिक से अधिक लोगों को स्थानीय स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में सफल रहेंगे।