राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने राजभवन में संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संविधान में निहित कर्तव्यों एवं दायित्वों की शपथ दिलाई। इस अवसर पर राज्यपाल ने संविधान की उद्देशिका का पाठन किया। आज ही के दिन, 1949 को भारत के लोगों ने भारत के संविधान को आत्मार्पित किया था।राज्यपाल ने बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर सहित संविधान के सभी निर्माताओं को नमन करते हुए कहा है कि संविधान भारतीय लोकतंत्र की आत्मा है और इसकी समस्त शक्तियों का स्रोत भी है। राज्यपाल ने कहा कि स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माण के ऐतिहासिक कार्य में देश के अनेक महा मनीषियों के परिश्रम और महान विचारों की व्यापकता से एक लोक कल्याणकारी संविधान की मजबूत संरचना संभव हुई थी।
वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा की संविधान हमारे लोकतंत्र की आत्मा और राष्ट्र की दिशा तय करने वाला पवित्र ग्रंथ है। इसमें निहित मूल्य और सिद्धांत हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव हैं। प्रधानमंत्री Narendra Modi के नेतृत्व में संविधान में निहित समानता, समावेशिता और न्याय को सुनिश्चित करने की दिशा में पिछले 10 वर्षों में अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी जी ने 103वें, 104वें और 106वें संवैधानिक संशोधनों जैसे महत्वपूर्ण सुधारों के माध्यम से संविधान की प्रासंगिकता को बनाए रखा है। इन सुधारों ने न केवल सामाजिक न्याय को बढ़ावा दिया है, बल्कि वंचित और कमजोर वर्गों को उनका अधिकार दिलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।