
मुख्यमंत्री, पुष्कर सिंह धामी, की अध्यक्षता में संपन्न हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 11 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। इस बैठक का सबसे अहम फ़ैसला राज्य की पहली योग नीति 2025 को मंज़ूरी देना रहा। इस नीति के तहत प्रदेश के पाँच क्षेत्रों को योग हब के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे योग पर्यटन और स्वास्थ्य क्षेत्र को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा, सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को 75 करोड़ रुपये का लोन देने का निर्णय लिया है, जिससे अटल आयुष्मान योजना के अंतर्गत अस्पतालों को लंबित भुगतान किया जा सकेगा।
इसके अलावा उत्तराखंड मैगा एवं इंडस्ट्रियल नीति 2025 को भी मंज़ूरी दी गई है, जो अगले पाँच वर्षों के लिए प्रभावी होगी। इस नीति के तहत उद्योगों को चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है और प्रदेश को भी औद्योगिक दृष्टिकोण से चार क्षेत्रों में बाँटा गया है।
मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड विष कब्ज़ा और विक्रय नियमावली में संशोधन करते हुए मिथाइल अल्कोहल को विष पदार्थों की सूची में शामिल किया है। वहीं, राजकीय विभाग अधीनस्थ लेखा संवर्ग राजपत्रित नियमावली 2019 और उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति 2024 में भी ज़रूरी संशोधन किए गए हैं। साथ ही उत्तराखंड निबंध लिपिकवर्गीय कर्मचारी सेवा नियमावली 2025 को मंज़ूरी दी गई है, जो अब 1978 की पुरानी नियमावली का स्थान लेगी। उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड के ढाँचे में भी बदलाव करते हुए उसे अधिक प्रभावी बनाने के प्रयास किए गए हैं। स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सरकार ने देहरादून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेजों में मरीज़ों के साथ आने वाले तीमारदारों के लिए रहने और खाने की सस्ती व्यवस्था सुनिश्चित करने की योजना को भी मंज़ूरी दी है। इसके लिए भूमि राज्य सरकार देगी और निर्माण सी.ऐस.आर. फ़ंड के माध्यम से कराया जाएगा।
वहीं, मंत्रिमंडल ने प्रोक्योरमेंट नियमावली में भी संशोधन का भी बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत अब 10 करोड़ रुपये तक के विभागीय कार्य स्थानीय ठेकेदारों के माध्यम से कराए जा सकेंगे। सभी श्रेणियों में स्थानीय ठेकेदारों के लिए काम करने की सीमा बढ़ाई गई है, ताकि स्थानीय लोगों और उत्पादों को प्राथमिकता मिल सके।

