उत्तराखंड की मलिन बस्तियां यथावत रहेंगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि सरकार मलिन बस्तियों और वहां के निवासियों के लिए पूरी तरह संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि, सरकार सुनिश्चित करेगी कि मलिन बस्तियां अपने स्थान पर बनी रहें और उसके लिए सरकार काम करेगी। दरअसल, देहरादून में रिस्पना और बिंदाल समेत अन्य नदी-नालों के किनारे बसे मलिन बस्तियों को नियमित कर, मालिकाना हक देने की मांग सालों से उठती रही है…..लेकिन उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से ही अभी तक सरकारें इसका समाधान नहीं निकाल पाई। राजधानी देहरादून की 129 मलिन बस्तियों में बने करीब 40 हजार घरों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। दरअसल, 3 साल पहले राज्य सरकार ने दूसरी बार 3 साल के लिए अध्यादेश के कार्यकाल को बढ़ाया था। जिस अध्यादेश का समय 23 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है। इसके बाद देहरादून समेत प्रदेश भर में मौजूद 582 मलिन बस्तियां अवैध श्रेणी में आ जाएंगी। इसके बाद हाईकोर्ट के अवैध बस्तियों को हटाने संबंधित आदेश का पालन करना होगा।