मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मानसून के दौरान हुए भूस्खलन व राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण से उत्पन्न मलबे के निस्तारण के लिए सभी जिलाधिकारियों को डंपिंग जोन चिह्नित कर, एक सप्ताह के भीतर प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारियों को डंपिंग जोन के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों पर प्राथमिकता से राजस्व भूमि चिह्नित करने और उसकी अनुपलब्धता की स्थिति में वन भूमि चिह्नित करने को कहा गया है। उन्होंने बीआरओ, N.H.I.D.C.L व पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को निर्धारित डंपिंग जोन में ही मलबे के निस्तारण के नियमों का सख्ती से पालन के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने डंपिंग स्थलों पर ‘ग्रीन पैच’ विकसित करते हुए बांस का रोपण करने के निर्देश दिए हैं। CS के निर्देशों के अनुसार, ऐसे स्थलों पर तेजी से विकसित होने वाले पौधों का रोपण किया जाएगा, जो भविष्य में क्रैश बैरियर के रूप में उपयोगी सिद्ध होंगे। डंपिंग से संबंधित संस्थाओं ने राज्य में अगले पांच वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कुल 81.99 हेक्टेयर भूमि की मांग रखी। इसमें वर्तमान में 55.69 हेक्टेयर भूमि व अगले पांच वर्षों में 26.30 हेक्टेयर भूमि शामिल है।
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Mon Oct 14 , 2024