Debt On Uttarakhand : उत्तराखंड भले ही देश का एक छोटा सा राज्य हो लेकिन जिस तरीके से यह प्रदेश कर्ज के बोझ के तले लगातार दब रहा है उससे तमाम सवाल खड़े हो रहे है। पिछले 22 सालों में राज्य पर इतना कर्ज का बोझ बढ़ गया है कि वह दिन दूर नहीं जब उत्तराखंड भारत का श्रीलंका कहलाया जाएगा।
Debt On Uttarakhand : स्थिति विकराल
राज्य गठन के बाद से ही प्रदेश के लिए राजस्व एक बड़ा विषय रहा है। आर्थिक रूप से कमजोर उत्तराखंड के लिए लगातार कर्ज बड़ना भविष्य पर बड़े संकट को जाहिर कर रहा है। यह हाल तब है जब केंद्र में भाजपा 10 साल से ही सत्ता पर काबिज है और प्रदेश में भी बीजेपी को 6 साल पूरे हो चुके हैं। ऐसे में राजनीतिक दल भी भाजपा पर प्रदेश को कर्ज में डूबा ने का आरोप लगा रहे हैं। बता दें कि साल 2015 से 16 तक सरकार पर 39069 करोड़ का कर्ज था जो बढ़कर 2016-17 में 44 83 करोड़ हो गया।
Debt On Uttarakhand : 2017-18 में सरकार पर 51831 करोड़ का कर्जा चढ़ गया जबकि 2018-19 कर्ज बढ़कर 58039 करोड़ पहुंच गया। इतना ही नहीं 2019-20 में सरकार पर 65982 करोड़ का कर्जा बना तो 2020-21 में करजे ने बढ़ोतरी करते हुए 73751 करोड़ हो गया।