Drug Supply In Uttarakhand : उत्तराखंड की शांत वादियों पर नशे के सौदागरों अपना कब्जा जमाने लगे है। ये हाल तब है जब प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी प्रदेश को नशे मुक्त का संकल्प ले रहे है। कुमाऊं में तो हाल इतने बुरे होते हुए दिखाई दे रहे है कि अब पहाड़ तक नशे के सौदागरों का जाल दिनों दिन फैलता जा रहा है। इतना ही नहीं स्मैक, हेरोइन जैसे जानलेवा मादक पदार्थ तराई से पहाड़ को टारगेट करते हुए जमकर नशीली दवाइयों व इंजेक्शन की लत से युवा को खोखले करने पर मजबूर कर रहे है। सूत्रों का कहना है कि उत्तरप्रदेश का बरेली जिला नशे के काले कारोबार के लिए कुख्यात हो चुका है और बरेली में भारी मात्रा में स्मैक बनाने का काम ड्रग स्मगलर कर रहे है और जिसके बाद अलग-अलग जगहों पर सप्लाई कर रहे है।
Drug Supply In Uttarakhand : चौंकाने वाले आंकड़े आए सामने
उत्तराखंड पुलिस ने खुलासा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के पकड़े गए तस्करों ने कहा है कि वह खुद स्मैक बनाने का काम करते है जिसके बाद उत्तराखंड में लाकर ऊंचे दामों में सप्लाई किया जाता है। जानकारी के मुताबिक कुमाऊं मंडल में स्मैक समेत अन्य नशे के कारोबार के मामले में पिछले 6 महीनों यानी जनवरी से जून माह 2022 तक 255 मामले पंजीकृत किए हैं और 326 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
Drug Supply In Uttarakhand : पुलिस द्वारा 9.156 किलोग्राम चरस, 6550 नशीली गोलियां, 5 किलो 197 ग्राम स्मैक, 7686 नशे के इंजेक्शन, 4200 नशीली कैप्सूल, 1.571 किलोग्राम हेरोइन, 3. 876 अफीम और 613.767 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया है। बता दें कि अब उत्तराखंड में नशे का काला कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालत इतने खराब हो चुके है कि स्मैक के नशे ने न सिर्फ पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्रों के युवाओं को अपनी चपेट में लिया है बल्कि छोटे-छोटे बच्चे भी स्मैक के नशे के आदी बन रहे है।
Drug Supply In Uttarakhand : उधमसिंह नगर सबसे आगे
उधमसिंह नगर में सबसे ज्यादा 99 मुकदमें दर्ज
नैनीताल में 90
चंपावत में 26
पिथौरागढ़ में 7
बागेश्वर में 16
अल्मोड़ा में 17
ये भी पढ़ें : आ गया है 1 अगस्त, आज से इन 4 नियमों को करेना पड़ेगा फोलो