उत्तराखंड निकाय चुनाव में मतदान के दिन कई वोटर अपना वोट ढूंढने के लिए इधर-उधर भटकते रहे। इसमेंकेवल आम आदमी ही नही बल्कि बड़े ओहदे पर बैठ चुके पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी शामिल हैं। इसी तरह दून अस्पताल के पूर्व एमएस डॉक्टर के सी पंत भी एक से दूसरे बूथ के चक्कर काट रहे हैं। उनका कहना है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने एमकेपी कॉलेज में अपना वोट कास्ट किया था। लेकिन अब उनका नाम वोटिंग लिस्ट में नहीं मिल पा रहा है ।उनके परिवार में चार सदस्य हैं किसी का भी नाम मतदाता सूची में उन्हें नहीं मिल पा रहा है और वह दो से तीन बूथों के चक्कर सवेरे से काट रहे हैं लेकिन उनका नाम नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि वोट देना उनका लोकतांत्रिक अधिकार है लेकिन उन्हें इस अधिकार से वंचित किया जा रहा है। डॉ केसी पंत का कहना है कि इससे पूर्व चुनावों के समय कंवेंसिंग करने आने वाले लोग घर पर एक स्लिप दे जाते थे। इस बार उन्होंने घर पर स्लिप नहीं दी। उनका कहना है कि इस बार वह सारी वोटर लिस्ट खंगाल चुके हैं लेकिन उनके परिवार के चारों नाम वोटर लिस्ट में नहीं मिल पा रहे हैं। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि वोट देना उनका लोकतांत्रिक अधिकार है लेकिन आज उन्हें वोट देने से वंचित होना पड़ रहा है।