केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर राहत और बचाव अभियान पांचवे दिन भी जारी है। केदार घाटी का मौसम साफ होने के साथ ही MI-17 और चिनूक से लोगों को एयर लिफ्ट कर सुरक्षित निकालने का काम लगातार जारी है। MI-17 चारधाम हेलीपैड पर यात्रियों को उतार रहा है, जबकि चिनूक यात्रियों को गौचर हवाई पट्टी पर उतार रहा है। वहीं, लोगों को खोजने का काम भी जारी है। इसके लिए स्निफर डॉग की मदद ली जा रही है। अब तक लिनचोली से रामबाड़ा क्षेत्र तक सर्च अभियान पूरा किया जा चुका है, जिसमें अब तक किसी व्यक्ति के मिलने की पुष्टि नहीं हुई है। NDRF की टीमें जंगल एवं मंदाकिनी नदी के आसपास भी लगातार सर्च अभियान चला रही हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राहत और बचाव कार्य पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। वहीं, गौचर पहुंचने पर सभी सुरक्षित निकाले गए तीर्थ यात्रियों के स्वास्थ्य की जांच भी की जा रही है। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर रूके लोगों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। सरकार की सुविधाओं से तीर्थयात्री खुश हैं।
खोज और बचाव कार्य में NDRF, SDRF, पुलिस, प्रशासन और ‘यात्रा मैनेजमेण्ट टास्क फोर्स’ के लोगों को लगाया गया है। स्नाइपर डॉग की भी मदद ली जा रही है। सोनप्रयाग में पुल क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसे बनाने के लिए सेना की मदद ली गई और उस पर काम भी शुरू कर दिया गया है। तीर्थ यात्रियों ने कहा कि, उनको सरकार पर पूरा भरोसा था कि उनको सुरक्षित निकाल लिया जाएगा। आज सरकार ने वह कर दिखाया है। उनका कहना है कि लोगों के लिए सरकार की ओर से अच्छी व्यवस्थाएं की गई है।
आपदा की इस घड़ी में मुख्यमंत्री ने यात्रा मार्ग पर फंसे पशुओं के लिए भी पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के लिए पर्याप्त मात्रा में चारा, चना, गुड़ उपलब्ध कराया जा रहा है। पशु चिकित्सा विभाग की 7 टीमें यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर भेजी गई हैं।