Uttarakhand Danger Land उत्तराखंड में विकास को लेकर बड़े बड़े वादे किए जाते है लेकिन जिस तरह विकास की रफ्तार की कीमत आज जोशीमठ को चुकानी पड़ रही है उससे लोग सहमे हुए है। जोशीमठ की तो स्थिति यह हो गई है कि भू धंसाव के चलते सड़कों और घरों में पड़ी दरारें लगातार चौड़ी होती जा रही है। इस बीच सवाल ये उठता है कि जिस तरह के हालात आज जोशीमठ के बने हुए हैं वैसे ही प्रदेश के कई शहर और गांव शामिल है जो विनाश की भेंट चढ़ते हुए दिखाई दे रही है। ऐसे में यदि सही रहते हुए कोई एक्शन नहीं लिया गया तो प्रदेश के हालात बद से बदतर हो जाएंगे।
जागा शासन/प्रशासन
इस समय उत्तराखंड का पौराणिक शहर जोशीमठ में लगातार भू धंसाव और घरों में आ रही दरारें देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस गंभीर मामले को लेकर राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक चिंतित है और पल पल स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए हुए है। ऐसे में अभी जोशीमठ की समस्या खत्म ही नहीं हुई थी की अब टिहरी जिले के नरेंद्र नगर के अटाली गांव के खेतों और मकानों में दरारें पड़ने से लोगों की चिंताएं दुगनी हो गई है। अटाली गांव के लोग अब सरकार से हर परिवार में एक व्यक्ति को नौकरी और 10 गुना मुआवजा के साथ ही व्यासी के समीप विस्थापन करने की मांग करने लगे है। इतना ही नहीं प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों के साथ ही मैदानी क्षेत्रों में भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। धर्म नगरी हरिद्वार की पहाड़ियां भी खतरे की जद में आने लगी है। आलम यह है कि शिवालिक पर्वत पर स्थित मां मनसा देवी मंदिर के आसपास की पहाड़ियां लगातार दरकने से लोग डर के साए में जीने को मजबूर है। बताया जा रहा है कि भगवान भोलेनाथ की नगरी हरिद्वार में मनसा देवी की पहाड़ियां कभी भी दरक सकती और आपदा का रूप ले सकती है। ऐसे में यदि समय रहते हुए प्रदेश में ध्यान नहीं दिया गया तो कभी भी विनाशकाल हो सकता है।