Uttarakhand Foundation Day 22 : उत्तराखंड को 22 साल पूरे हो चुके है और प्रदेश अब 23 साल में प्रवेश में कर चुका है। इन 22 सालों की यात्रा में प्रदेश ने कई उपलब्धियां और मुकाम हासिल किए तो कई मंजिलों को छुना अभी भी प्रदेश के लिए बाकी है। 22 साल के इस पड़ाव में प्रदेश को कई कुदरती मार ने जांझोर दिया जिसके चलते प्रदेश विकास की गति में थोड़ा पिछड़ गया। ऐसे में यदि प्रदेश का कुदरत साथ देती तो प्रदेश तरक्की और मंजिलों की सीढ़ियों के और करीब होता।
Uttarakhand Foundation Day 22 : तरक्की की सीढ़ियां चढ़ना बाकी
इन 22 सालों में उत्तराखंड ने बहुत कुछ पाया है तो बहुत कुछ खोया भी है। प्रदेश को इन सालों कई बार अस्थिरता का सामना करना पड़ा तो कई बार बिगड़ी अर्थव्यवस्था से दो चार होना पड़ा। कई बार स्थिति ये हुई की प्रदेश डैमेज कंट्रोल की ओर चल पड़ा लेकिन समय समय के साथ स्थिति ठीक होती रही और प्रदेश धीरे धीरे विकास पथ की और बड़ने लगा। Uttarakhand Foundation Day 22
वैसे तो राज्य गठन से लेकर अब तक कई प्राकृतिक आपदाओं ने प्रदेश को जकड़े रखा और विकास की गति को काफी प्रभावित किया। ऐसे में जब जब उत्तराखंड ने खड़ा होना चाहा तब तब कुदरत के कहर ने विकास में रोड़ा डालने का काम किया।
Uttarakhand Foundation Day 22 : साल 2013 में केदारनाथ आपदा को कौन भूल सकता है। उस भयंकर त्रासदी ने उत्तराखंड को ऐसे जख्म दिए जो कभी भी भुलाएं नहीं जा सकते महाप्रलय ने अपनों को तो छीना ही और प्रदेश की अर्थव्यस्था पर ऐसा ग्रहण लगाया की पूरी अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई और 14 हजार करोड़ से अधिक परिसंपित्यों को नुकसान पहुंचा गई।
लेकिन समय के साथ साथ उत्तराखंड खड़ा हुआ और आगे बड़ने लगा की तब देश में कोरोना महामारी आ धमकी। कोरोना के चलते प्रदेश की अर्थव्यवस्था चरमा गई और राज्य की जीडीपी शून्य से नीचे चली गई। इतना ही नहीं उत्तरखंड अर्थव्यस्थ की रीड माने जाले पर्यटन कारोबार की हालत खराब हो गई और धीरे धीरे पर्यटन को काफी नुकसान होने लगा तमाम व्यापार बंद हो गया।
Uttarakhand Foundation Day 22 : वहीं अब कोरोना महामारी से उत्तराखंड उबर चुका है और एक बार फिर विकास की पटरी पर आ गया है। इस साल चारधाम यात्रा ने भी रिकॉर्ड तोड़ दिया और जीएमवीएन को करोड़ों का मुनाफा हुआ। इस बीच उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 2025 तक प्रदेश को देश का अग्रणी राज्यों की पंक्ति में खड़ा होने का सपना देख रहे है और उन सपनों को साकार करने के लिए तमाम योजनाओं चलाने के साथ काम भी कर रहे है। लेकिन प्रदेश के पास अभी भी बड़ी समस्या सीमित संसाधनों की है जिनसे उबरने के लिए सरकार पूरा फोकस अब आय को बड़ाने का है। जिसके लिए सरकार अब पहली बार विशेषज्ञों की राय भी लेने जा रही है।