Valley Of Flowers In Chamoli : अगर आप भी प्रकृति प्रेमि है तो ये ख़बर है आपके लिए। आज से विश्व धरोहर फूलों की घाटी पर्यटकों के दीदार करने के लिए खुल गई है। यहां सीजन में 500 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं। इसके साथ ही घाटी में दुर्लभ प्रजाति के पशु-पक्षी, जड़ी-बूटी और वनस्पतियां भी पाई जाती हैं। इनके अलावा ये उन चीजों में शुमार है जहां से रिसर्च, शांति, आध्यात्म और प्रकृति को करीब से जानने का अद्भुत मौका मिलता है। इतना ही नहीं ये घाटी ट्रैकिंग में रूचि रखने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र है जो यहां आए बिना खुद को रोक नहीं पाते।
Valley Of Flowers In Chamoli : पर्यटक कर सकेंगे दीदार
उत्तराखंड को देवों की भूमि भी कहा जाता है। दूर—दराज से पर्यटक यहां आकर प्राकृतिक सौंदर्यता का लुफ्त उठाते है। देवभूमि के हिमालय, झील-झरने और तालों का मनोरम दृश्य देखते ही बनता है। ये खूबसूरत दृश्य देख पर्यटक देवभूमि की ओर खींचे चले आते है। ऐसे में आज से वैली आफ फ्लावर के द्वार पर्यटकों के लिए खुल जाने से देवभूमि का नज़ारा और भी मनमोहक हो चला है।
Valley Of Flowers In Chamoli : चमोली जिले में तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर विश्व धरोहर फूलों की घाटी स्थित है।87.5 किमी में फैली घाटी जैव विविधता का खजाना है जहां पर प्राकृतिक रूप से 500 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं। इतना ही नहीं यहां फूल के अलावा पशु पक्षी, जड़ी बूटी और वनस्पतियां भी पाई जाती हैं। साल 1982 में यूनेस्को द्वारा इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था।
फ्रैंक एस स्मिथ और उनके साथी ने की थी खोज
फूलों की घाटी की खोज ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक एस स्मिथ और उनके साथी आरएल होल्डसवर्थ ने की थी। ऐसा कहा जाता है कि साल 1931 के दौरान जब वह अपने एक अभियान से लौट रहे थे तब वह यहां की खूबसूरती और फूलों को देख कर इतने अचंभित और प्रभावित हुए कि कुछ समय उन्होंने यही रहने का मन बनाया। यहां से जाने के बाद भी वह यहां 1937 में वापस लौटे और जब वह यहां गए तो उन्होंने एक किताब भी लिखी जिसका नाम था वैली ऑफ फ्लावर।
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