राज्यसभा सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने सदन में उत्तराखंड के जंगलों में लगने वाली आग का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि वनाग्नि को भी प्राकृतिक आपदा की सूची में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ वर्षों में उत्तराखंड में जंगलों की आग की घटनाओं में इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि चीड़ का पिरूल भी इसकी एक वजह है। राज्य सरकार ने 50 रुपये किलो पिरूल खरीद कर संभावित आग की घटनाओं को कम करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से भी पिरुल खरीद के लिए बजट का प्रावधान किया जाना चाहिए। कहा कि सर्वाधिक वन क्षेत्र होने के बावजूद उत्तराखंड में वनग्नि को दैवीय आपदा में शामिल नहीं किया गया है।
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