उत्तराखंड में एक दौर था जब कोदा झंगोरा खाएंगे उत्तराखंड बनाएंगे के नारे लगे थे लेकिन अब कोदा झंगोरा विलुप्ती की कगार पर है। भाजपा विधायक विनोद चमोली का कहना है कि कोदा झंगोरा पहाड की गरीबी का प्रतीक है और अब इनकी डिमांड हो गई है जिसके चलते कोदा झंगोरा की किमते बढ़ गई है लेकिन जब आंदोलन चला तब पहाड़ के गरीब लोग इसे ज्यादा उपयोग करते थे और संदेश था कि हम गरीबी में रह लेंगे लेकिन हमें अपना राज्य चाहिए।उन्होंने कहा कि सही मायने में ये राज्य कोदा झंगोरा खाने वालों के लिए ही बना है लेकिन इस 24 सालों में काफी विकास हुआ है लेकिन कई चीजों पर फोकस करने के लिए योजना बनाने की जरूरत है।
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Sun Nov 3 , 2024