AAP Dissolved in Uttarakhand : उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी कहीं गुम सी हो गई है आलम यह है कि पार्टी ने हार के बाद सरेंडर कर दिया है जबकि पार्टी के पास ना कोई बड़ा चेहरा है और पार्टी का संगठन भी पहले ही ध्वस्त हो चुका है पिछले 3 महीनों से आम आदमी पार्टी का उत्तराखंड में संगठनात्मक ढांचा भंग है।
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले जनता के लिए तमाम विकास कार्य योजना की गारंटी देने वाली आम आदमी पार्टी अब खुद की गारंटी देने से भी पीछे हट रही है लोकसभा चुनाव को लेकर जहां प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस समेत बाकी राजनीतिक दल अपनी गतिविधियों को लगातार बढ़ा रहे हैं तो वही आम आदमी पार्टी के नेता अपने दिल्ली हाई कमान की तरफ नजरे टिकाए हुए है हालात इतने खराब हो गए हैं कि आप का उत्तराखंड में ना तो संगठनात्मक ढांचा मौजूद है और ना ही नेताओं के पास किसी रणनीति पर काम करने का कोई खाका।
बता दे कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बेहद कम समय में आम आदमी पार्टी ने प्रदेश में अपनी लोकप्रिय को काफी तेजी से आगे बढ़ाया था खास तौर पर दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के उत्तराखंड के सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ने के बयान ने दिल्ली से लेकर उत्तराखंड तक राजनीतिक तूफान ला दिया था प्रदेश के बड़े-बड़े नेता भी आम आदमी पार्टी की धमाकेदार एंट्री से घबरा गए थे लेकिन जब पार्टी ने चुनाव में कदम रखा तो खोदा पहाड़ और निकली चुहिया वाली कहावत सच हुई विधानसभा चुनाव में गारंटी योजना से लाखों लोगों के जुड़ने का दवा करने वाली पार्टी को चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा ऐसे में अब लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी के पास ना ही कोई रणनीति है और ना ही कोई बड़ा चेहरा