Meter Reading Mistakes : ऊर्जा निगम की मीटर रीड़िंग में भारी लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है। मीटर रीड़िंग के लिए विभाग ने जिस कंपनी से अनुबंध किया है उसके कर्मचारी घर बैठे अंदाजे से उपभोक्ताओं की यूनिट दर्ज कर गलत बिल भेज रहे हैं। हैरानी इस बात की है कि पूर्व में भी इस तरह का मामला सामने आने पर कंपनी ने अपने एक मीटर रीडर को हटाया था बावजूद इसके ऊर्जा निगम संज्ञान लेने को तैयार नहीं है।
अंदाजे से उपभोक्ताओं की यूनिट की जा रही दर्ज
ऊर्जा निगम की लक्सर डिवीजन में मीटर रीड़िंग का काम एक निजी कंपनी से ठेके पर कराया जा रहा है। हाल ही में कस्बे के उपभोक्ता संजय ने ऊर्जा निगम अधिकारियों से शिकायत की कि मीटर रीडर ने मीटर रीड़िंग 11 हजार से ज्यादा दर्ज कर बिल भेजा है जबकि उनके मीटर की रीड़िंग आठ हजार से कम है। अधिकारियों ने जांच कराई तो शिकायत सही मिली। जवाब तलब होने पर कंपनी ने मीटर रीडर को हटाकर मामला निपटा दिया। हालांकि उपभोक्ता राजेश कुमार, दीपक वर्मा और सत्यवीर सिंह का कहना है कि ऊर्जा निगम 50 फीसदी से भी ज्यादा लोगों को इसी तरह फर्जी यूनिट चढ़ाकर गलत बिल भेज रहा है। उपभोक्ता बिल जमा करने से पहले उसे ठीक कराने को कार्यालय के चक्कर काटते हैं। बाद में कर्मचारियों को पांच सौ से एक हजार रूपए देकर बिल दुरूस्त किए जाते हैं।