Political Journey Of Chandan Ram Das चारधाम यात्रा की शुरुआत में ही धामी सरकार को बड़ा झटका लगा है और सरकार ने अपने परिवहन मंत्री चंदन राम दास को खो दिया है। चंदन राम दास के निधन पर सरकार और मंत्री संवेदना व्यक्त कर रहे हैं तो वहीं बिना मंत्री के चार धाम यात्रा कैसे संचालित होगी और परिवहन से संबंधित व्यस्थाएं कौन देखेगा इसकी चिंताएं बढ़ गई है।
राजनीतिक सफर
कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास का यू चले जाना प्रदेश और सरकार के लिए क्षति है। लेकिन चारधाम यात्रा के बीच परिवहन मंत्री के निधन की खबर ने सरकार के सामने चुनौती खड़ी कर दी है। उत्तराखंड में चारों धामों में से तीन धामों के कपाट खुल गए हैं और कल भगवान बद्रीनाथ के कपाट खुलने हैं ऐसे में चंदन राम दास के निधन ने सबको झंगझोर दिया है। बता दें की चंदन राम दास चार बार विधायक रहे हैं। धामी सरकार 2.0 के मंत्रिमंडल में पहली बार चंदन राम दास शामिल हुए और उनकी राजनीतिक सफर की बात करें तो 1980 से राजनीति में चंदन रामदास सक्रिय हुए और 1997 में नगर पालिका बागेश्वर के निर्दलीय अध्यक्ष बने। पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी से प्रेरित होकर 2006 में चंदन रामदास बीजेपी में शामिल हुए और 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार विधायक के रुप में चुन गए जिसके बाद उनके विधायक बनने का सिलसिला लगातार जारी रहा। चंदन राम दास 2012, 2017 फिर 2022 में लगातार विधानसभा का चुनाव जीते।