उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव का शोरगुल थमने के बाद सबकी निगाहे टिकी है तो बस निकाय चुनाव के डेट फाइनल की। इस बीच निकाय चुनाव से पहले ही प्रदेश की दो दिग्गज पार्टी बीजेपी और कांग्रेस में सियासी वॉर छिड़ गई है। निकाय चुनाव के लिए मतदाता सूचि में बड़ी तदाद में वोटर लिस्ट से मददाताओं के नाम गायब होना सरकार और चुनाव आयोग के लिए सरदर्द बन गया है।
प्रदेश में लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब निकाय चुनावों की तैयारियां है। इस बीच निकाय चुनाव से पहले प्रदेश की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। निकाय चुनाव के लिए मतदाता सूचि में बड़ी संख्या में लोगों के नाम गायब होने ने सियासी पारा बढ़ा दिया है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट का कहना है कि मतदाता सूचि में बहुत बड़ा गड़बड़झाला सामने आ रहा है और हर वार्ड से पार्षद पद की तैयारी करने वालों के अलावा विधायक और सत्तापक्ष के जनप्रतिनिधि भी लगातार शिकायत कर अपना विरोध जता रहे है। ऐसे में कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर बड़ी लापरवाही करने का आरोप लगाया।
निकाय चुनाव से पहले सत्तापक्ष और विपक्ष के बीज जंग छिड़ गई है। जहां एक तरफ विपक्ष निकाय चुनाव के लिए मतदाता सूचि में बड़ा गड़बड़झाला करार देते हुए चुनाव आयोग पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है तो सत्तापक्ष ने विपक्ष को फेक चीजे न फैलाने की नसीहत दी है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सुनीता विद्यार्थी का कहना है कि कैबिनेट स्तर के नेताओं के परिवार के नाम भी गायब है ऐसे में विपक्ष झूठ फैलाना बंद करें। लेकिन वोटर लिस्ट अपडेट हुई है जिसमे बहुत लोगों के नाम छूटे है 30 तारीख तक सभी लोगों के नाम जोड़े जाएंगे। प्रत्येक व्यक्ति को वोट देने का अधिकार है और उसकी सूचिता बनाए रखने के लिए प्रशासन को हिदायत देते हुए सभी लोगों के नाम जोड़े जा रहे है।