Uttarakhand Election 2022 : उत्तराखंड में इन दिनों जहां तमाम राजनीतिक पार्टी अपनी साख बचाने के लिए टीमअप होकर मिशन 2022 को फतह करने के लिए हतकंडे अपना रही है तो वहीं दूसरी तरफ लंबे समय से कांग्रेस पार्टी में चल रही अंदरुनी कलह चुनाव से ठीक पहले अब खुलकर सामने आ रही है।
Uttarakhand Election 2022 : राजनीति के चाणक्य पर किसकी लगी नज़र
उत्तराखंड की राजनीति में चाणक्य कहे जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और चुनाव अभियान समिति के संयोजक हरीश रावत ने बुधवार को ट्वीट कर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। हरदा के एक ट्वीट के बाद राजनैतिक हलकों में रावत के राजनीति से सन्यास की ओर बढ़ते कदमों की आशंका जताई जा रही है तो वहीं खबरें ये भी है कि आगामी विधानसभा चुनाव में टिकटों के बंटवारे को लेकर हरीश रावत नाराज़ चल रहे हैं। दरअसल बुधवार को हरीश रावत के एक ट्वीट ने उत्तराखंड की राजनीति में हलचल मचा दी है। रावत ने अपने ट्वीट में लिखा कि बहुत अजीब सी बात है, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है। वहीं हरदा के इस ट्वीट के बाद भाजपा सरकार को बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कांग्रेस पर तंज करते हुए कहा कि कांग्रेस आपस में ही लड़ती रहती है, कभी दावेदारी तो कभी चेहरा घोषित को लेकर विपक्ष में हमेशा वॉर छिड़ी हुई रहती है।
क्या देवेंद्र यादव से नाराज़ हैं हरदा
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और कांग्रेस पार्टी अभी भी सीएम चेहरा घोषित करने को लेकर क्लेयर नहीं है । यही वजह है कि अब पार्टी के लोगों ने ही अपनी पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी है। हरीश रावत ने आज जिस तरीके से हाई कमान को आड़े हाथों लिया है उससे ये साफ जाहिर होता है कि पार्टी में कुछ तो खिचड़ी पक रही है। इतना ही नहीं हरीश रावत के सलाहकार सुरेंद्र अग्रवाल ने तो उत्तराखंड कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें बीजीपी का आदमी बताया है। दरअसल यादव का कहना है कि राहुल गांधी की रैली से हरीश रावत के पोस्टर हटा दिए जाते हैं, तो उनकी भूमिका संदेह में आ जाती है। उन्होंने कहा कि संभावना है कि देवेंद्र यादव भाजपा की साजिश में शामिल हों।
हरदा का क्यों छलका दर्द
Uttarakhand Election 2022 : उत्तराखंड का चुनावी संग्राम जहां भाजपा के पाले से कांग्रेस में खिसकता हुआ दिखाई पड़ रहा था तो वहीं अब हरीश रावत के ट्वीट ने राजनीति की धरती पर एक बार फिर भूकंप लाने का काम कर दिया है। इस ट्वीट में ना सिर्फ हरीश रावत का दर्द छलककर बाहर गिरता दिखाई पड़ रहा है बल्कि इस ओर भी इशारा जरूर कर रहा है की कांग्रेस में कुछ तो गड़बड़ चल रहा है बॉस। खैर पार्टी की अंधरूनी कलह कहें या फिर हरदा की एकला चलो की नीति दोनों ही एक ओर इशारा जरूर कर रहे हैं कि हाईकमान पर अब हरदा की कमान कम पड़ती दिखाई पड़ रही है। और यही वजह है कि हाईकमान की बेददर्गी और अपनों में बेगाने हरदा उपापोह की स्थिति में है। लेकिन राजनीति के शकुनी माने जाने वाले हरदा अब इस चुनावी भवसागर में भाजपा के साथ ही अपनी ही पार्टी के मगरमच्छों से बचाकर कैसे अपनी नैय्या पार लगाएंगे ये देखने वाली बात होगी।