Double Standards In Relief Work : उत्तराखंड में 19 अगस्त की रात हुई भारी बारिश कई जिलों के लिए काल बनकर आई। देहरादून, टिहरी और पौड़ी में हुई आफत की बारिश ने ऐसा तांडव मचाया कि कई लोगों के घरों के चिराग बुझ गए तो कई लोगों को घरों से बेघर कर दिया। हैरानी की बात तो ये है कि 20 अगस्त की सुबह देहरादून और टिहरी जिले के सीमावर्ती क्षेत्र धनौल्टी, मसूरी और रायपुर क्षेत्र में आई भारी त्रासदी के बाद आपदा राहत कार्यों शुरू किया गया लेकिन अब इन्हीं आपदा राहत कार्यों पर दोहरे मापदंड को लेकर सवाल उठने लगे है।
Double Standards In Relief Work : बारिश ने मचाया तांडव
बीते दिनों हुई बारिश ने देहरादून और टिहरी के कई क्षेत्रों में बादल फटने के बाद भारी तांडव मचाया। त्रासदी के बाद से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य चलाए जा रहे है लेकिन इन राहत और बचाव कार्यों में दोहरे मापदंड अपनाया जा रहा है। पीड़ितों को कहना है कि जहां एक तरफ देहरादून क्षेत्र में मुख्यमंत्री से लेकर विधायक, मंत्री समेत तमाम आला अधिकारी पहुंच रहे है लेकिन टिहरी के प्रभावित क्षेत्रों में कोई झांकने तक नहीं आ रहा है।
Double Standards In Relief Work : बता दें कि टिहरी और देहरादून के सीमावर्ती क्षेत्र में आई भारी त्रासदी में बांदल नदी से लगी देहरादून जिले की 2 विधानसभाओं मसूरी और रायपुर क्षेत्र के साथ ही टिहरी जिले की धनौल्टी विधानसभा में भारी त्रासदी से काफी नुकसान हुआ है। उधर देहरादून के सरखेत इलाके में आपदा के राहत बचाव कार्य बेहद तेज गति से चल रहे है लेकिन टिहरी जिले के प्रभावित गांव में कार्य धीमी गति से चल रहे है जबकि यहां कि हालात सरखेत से अधिक खराब है और इन इलाकों में सबसे अधिक 11 लोगों की जान गई है और सैकड़ों लोग बेघर हुए है।
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